फील्ड रिपोर्ट बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने अजीत प्रमोद कुमार जोगी की याचिका को खारिज हो गई। जोगी के ख़िलाफ़ किए गए एफ़आइआर को दर्ज करने के ख़िलाफ़ याचिका लगी थी। पहले भी उच्च न्यायालय में याचिका लगायी थी। इस याचिका में एफ़आइआर को स्थगित करने की माँग की थी।
जिसमें जोगी ने यह भी कहा था कि अपराध 1967 में हुआ है। जिस अधिनियम के तहत यह अपराध दर्ज किया गया है। वह वर्तमान में लागू नहीं होता है। मंगलवार को हाई कोर्ट जस्टिस आरसीएस सामंत की सिंगल बेंच कोर्ट ने फैसला दिया है। इसमें जोगी को झटका लगा है। इस निर्णय के बाद अजीत जोगी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की। मुख्य महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 1967 से लगातार चलता चला रहा है। जिसके कारण अजीत जोगी के ऊपर उपरोक्त अपराध बनता है। हाइकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना है। फिर कोर्ट ने FIR को स्थगित करने की याचिका एवं निवेदन को ख़ारिज कर दिया है।